Monday, November 13, 2023

The theme for World Diabetes Day 2023 is “Access to Diabetes Care. Dr. Suresh K Pandey and Dr. Vidushi Sharma, SuVi Eye Hospital, Kota *विश्व मधुमेह दिवस (वर्ल्ड डाइबिटीज डे, November 14, 2023) पर विशेष* *मधुमेह रोगियों में अंधता का ख़तरा 25 गुना अधिक* विश्व स्वास्थ्य संगठन (वर्ल्ड हेल्थ वार्गेनाइजेशन) द्वारा दिनांक 14 नवम्बर को विश्व मधुमेह दिवस (वर्ल्ड डायबिटीक डे) मनाया जाता है। विश्वभर में 415 मिलियन (41.5 करोड़) रोगी डाइबिटिज से पीड़ित हैं, जिनकी संख्या सन् 2045 में बढ़कर 630 मिलियन (63 करोड़) हो जायेगी। इंटरनेशनल डायबिटीक फेडरेशन के अनुसार भारत में वर्तमान में लगभग 73 मिलियन (7.3 करोड़) व्यक्ति डाइबिटिज से पीडित हैं। यह संख्या सन् 2040 तक बढकर 123 मिलियन (12.3 करोड़) हो जायेगी। लगभग 10 लाख भारतीय रोगियों की प्रतिवर्ष डायबिटिज के कारण मृत्यु हो जाती है। डायबिटिक से पीडित रोगियों के कुल ईलाज का बोझ लगभग 11 लाख करोड़ रूपये है। अनियंत्रित डायबिटीज (मधुमेह) का आँखों, ह्रदय, किडनी, पैरों पर दुष्प्रभाव हो सकता है। डायबिटिज रोगियों में अंधता का खतरा 25 गुना अधिक होता है। डायबिटीज (मधुमेह) आंखों की समस्याओं का खतरा बढ़ा सकती है। शरीर में इंसुलिन ठीक प्रकार से न बनने अथवा इंसुलिन का उपयोग उचित प्रकार से ना होने के कारण रोगी का ब्लड शुगर (ग्लूकोज) लेवल अधिक हो सकता है। बहुत ज्यादा ब्लड शुगर बढ़ने से आंखों में पर्दे (रेटिना) की सूक्ष्म रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसेल्स) को नुकसान पहुंचता है। पर्दे में सूजन होने से दिखाई देना कम हो सकता है अथवा अंखों के जेली नुमा विट्रियस नामक पदार्थ में रक्त स्राव होने से रोगी को दिखाई देना बन्द हो सकता है। अतः मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को नियमित रूप से वर्ष में दो बार दवा डालकर अपनी आंखों एवं पर्दे (रेटिना) की विस्तृत जांच करवाना जरूरी है। *डायबिटीज (मधुमेह) से आंखों में नुकसान के लक्षण:-* डायबिटीज (मधुमेह) से पीड़ित रोगी को केटरेक्ट (मोतियाबिन्द), कालापानी (ग्लूकोमा) एवं पर्दे की समस्याऐं (डायबिटिक रेटिनोपैथी) आदि हो सकते हैं, जिन्हें *डायबिटिक आई डिजीज* कहा जाता है। डायबिटिज विभिन्न प्रकार से रोगी की आंखों का नुकसान पहुंचा सकती है। जब रोगी की ब्लड शुगर अधिक हो तो धुंधलापन दिखाई दे सकता है अथवा दृष्टि संबंधी अन्य समस्याऐं पैदा हो सकती है। लेकिन, यदि रोगी को किसी प्रकार का कोई लक्षण दिखाई न दे, तो भी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए, मधुमेह रोगी लक्षणों पर दिखाई देने का इंतजार न करें, आंखों एवं पर्दे की विस्तृत जांच नियमित रूप से करायें। *ग्लूकोमा तथा डायबिटीज़ हालांकि, 40 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को ग्लूकोमा का खतरा अधिक रहता है, लेकिन मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को इसकी 40 प्रतिशत अधिक संभावना रहती है। *मोतियाबिन्द तथा मधुमेह -* मधुमेह से पीड़ित रोगियों को मोतियाबिन्द होने की 60 प्रतिशत अधिक संभावना है। स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को युवा अवस्था में मोतियाबिन्द होने का खतरा चार गुना अधिक होता है। *डायबिटिक रैटिनोपैथी:-* डायबिटिज से पीड़ित व्यक्ति की आंखों के पर्दे में सूजन होना, खून की वाहिकाओं के बढ़ने से खून उतरना आदि लक्षण हो सकते है। इस स्थिति को डायबिटिक रैटिनोपैथी कहते है। *डाइबिटीज को रोकने हेतु* नियमित रूप से एक्सरसाईज करें, मोटापे को नियंत्रित रखें, खूब पानी पिएं, लो कार्ब, हाई फाइबर, चने, जो, गेहूं युक्त डायट का सेवन करें, विटामिन डी युक्त पदार्थों का सेवन करें, स्मोकिंग, अल्कोहल से परहेज़ करें। चालीस वर्ष के बाद हर साल में दो बार ब्लड शुगर की जांच नियमित रूप से करवाएं। #WorldDiabetesDay #AccesstoDiabetesCare #DrSureshKPandeyKota #DrVidushiSharmaKota #SuViEyeHospitalKota

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