Saturday, July 29, 2023

बरसात के मौसम में आई-फ्लू से कैसे बचें? आई-फ्लू के सामाजिक फैलाव (कम्यूनिटी स्प्रेड) को रोकने के लिए हमें सावधानी रखना अति आवश्यक है बरसात के मौसम में गर्मी एवं उमस के कारण नेत्र रोग ( विशेषकर आई-फ्लू ) बहुत तेजी से फैलते हैं। राजस्थान एवं देश के कई राज्यों में बरसात के पानी के साथ साथ अनेकों मानसूनी बीमारियों ने भी जन्म ले लिया जिनमें से आई-फ्लू भी एक है। इसे ‘पिंक आई’ अथवा कन्जंक्टिवाईटिस इंफेक्शन के नाम से जाना जाता है। इन दिनों देशभर में वायरल आई-फ्लू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है जिसका प्रमुख कारण एडिनोवायरस (टाईप 8 व 19 ) है। इन दिनों वायरल आई-फ्लू से पीड़ित हजारों व्यक्ति नेत्र विशेषज्ञों के पास परामर्श एवं उपचार हेतु पंहुच रहे हैं। सुवि नेत्र चिकित्सालय, कोटा के नेत्र सर्जन डॉ. सुरेश पाण्डेय व डॉ. विदुषी पाण्डेय के अनुसार वर्षा ऋतु में रोजाना 15 से 20 रोगी आई फ्लू से पीड़ित होकर परामर्श एवं उपचार हेतु पंहुच रहे हैं, जिनमें से अनेकों स्कूली बच्चें भी हैं। आई-फ्लू के सामाजिक फैलाव (कम्यूनिटी स्प्रेड) को रोकने के लिए हमें सावधानी रखना अति आवश्यक है। आई-फ्लू या कन्जंक्टिवाईटिस या पिंक-आई क्या है? वर्षा ऋतु का मौसम यानि कंजेक्टिवाईटिस मौसम। आँखों की आई-फ्लू नामक बीमारी बारिश के मौसम में बहुत तेजी से फैलती है। इसे आम भाषा में आँख आना भी कहते है। आई-फ्लू एक बेहद संक्रामक नेत्र रोग है। आई-फ्लू बरसात के समय विषाणुओं (एडिनोवायरस टाईप 8 व 19) अथवा जीवाणुओं (स्टेफायलोकोकस, न्यूमोकोकस, हीमोफिलस इन्फ्लूएन्जा आदि) के संक्रमण से होता है। शुरूआत में आई-फ्लू नामक इंफेक्शन एक आँख में होता है, पर सावधानी न बरतने पर यह दूसरी आँख में भी हो सकता है। पहले आँख लाल होना शुरू होती है और कुछ घंटों में ही जलन, चुभन, पलकों में सूजन होने लगती है तथा आँख से पानी आने लगता है। सम्पर्क में आने पर आई-फ्लू बहुत तेजी से फैलता है। वायरल आई-फ्लू में कभी-कभी कानों के पास कनपटी पर सूजन भी हो सकती है। वायरल कन्जंक्टिवाईटिस से पीड़ित व्यक्ति को उपचार में देरी होने पर पारदर्शी पुतली (कॉर्निया) में सूक्ष्म जख्म होने के कारण प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता (फोटोफोबिया) बढ़ जाती है। उपचार के अभाव में रोशनी में धुंधलापन हमेशा के लिए हो सकता है। नेत्र चिकित्सक के मार्गदर्शन में एंटीबायोटिक एवं लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप डालने से इन लक्षणों में फायदा होता है। क्या हैं आई-फ्लू के लक्षण ? आँखें लाल होना व पलकों में सूजन होना। आँखों में दर्द, कंकड़ जैसी चुभन होना। आँख से पानी बहना, आँखों से गाढ़ा (पीला/सफेद) डिस्चार्ज निकलना। सवेरे उठते समय आँखें चिपक जाना। प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाना (फोटोफोबिया) एवं दृष्टि में धुंधलापन होना। कैसे करें आई-फ्लू की रोकथाम ? बरसात के मौसम में गंदे पानी से आँखें नहीं धोयें, बरसात के पानी से आँखों को बचायें। बरसात के मौसम में भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, स्वीमिंग पूल, झरने, तालाब आदि में नहीं नहायें। संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने से बचें व संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोयें। आई-फ्लू होने पर बच्चों को चार-पाँच दिनों के लिए स्कूल न भेजें। ऑफिस में कार्य करते समय दूसरों के सम्पर्क में कम से कम रहें। स्वच्छ तौलिये व रूमाल, स्टेराइल आई-वाइप का प्रयोग करें। क्या है आई-फ्लू का उपचार एवं सावधानियां ? नेत्र विशेषज्ञों से परामर्श कर एन्टीबायोटिक, लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स, एन्टिबायोटिक आई आईन्टमेन्ट का प्रयोग करें। गहरे कलर का चश्मा पहन सकते हैं। आँखों को उबली हुई रूई अथवा स्टेराईल आई-वाईप से 3-4 बार साफ करें। जिस आँख में संक्रमण हो उसे नीचे रखकर करवट सोएं। यदि आप आई-फ्लू से पीड़ित रोगी की आँख में दवा डालते समय इस बात का ध्यान रखें कि दवा के आगे वाला भाग रोगी की आंख व अंगुलियों को स्पर्श न करें। दवा डालने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन से अवश्य धो लें। आई-फ्लू से पीड़ित व्यक्ति आँखों को साफ करने के लिए स्टेराईल आई-वाईप का उपयोग कर सकते हैं। आई-फ्लू से पीड़ित व्यक्ति अपना चश्मा, तोलिया, रूमाल, तकिया आदि अलग रखें। मानसून के दिनों में आई मेकअप का उपयोग कम से कम करें। अपने आई मेकअप को दूसरे के साथ सांझा नहीं करें। सुवि नेत्र चिकित्सालय, कोटा के नेत्र सर्जन डॉ. सुरेश पाण्डेय व डॉ. विदुषी पाण्डेय के अनुसार वर्षाकाल के दौरान इन सभी सावधानियों के माध्यम से आई फ्लू का सामाजिक फैलाव (कम्यूनिटी स्प्रेड) काफी हद तक रोका जा सकता है। (डॉ. विदुषी शर्मा एवं डॉ. सुरेश पाण्डेय, वरिष्ठ नेत्र सर्जन, सुवि नेत्र चिकित्सालय, कोटा) फोन: 93514-12449 ईमेल : suvieye@gmail.com #eyeflu #आईफ्लू #RajasthanPatrikaNewspaper30July2023 #DrSureshKPandeyKota #DrVidushiSharma #SuViEyeHospitalLasikLaserCenterKota #SuViEyeHospitalKota

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