Monday, January 6, 2025
मोतियाबिंद सर्जरी एवं कृत्रिम लेंस प्रत्यारोपण विश्व में हर साल सबसे अधिक की जाने वाली सर्जरी है। दुनिया भर में हर साल करीब 3.5 करोड़ और भारत में 84 लाख से अधिक मरीज मोतियाबिंद सर्जरी और कृत्रिम लेंस प्रत्यारोपण करवाते हैं। यह प्रक्रिया लाखों लोगों को दृष्टिहीनता के अंधकार से बाहर निकालकर उनके जीवन में नई रोशनी और उम्मीद लेकर आती है।
राजस्थान पत्रिका में आज प्रकाशित खबर में बताया गया कि कैसे माइक्रो इनसिजन कैटरेक्ट सर्जरी और प्रीमियम फोल्डेबल इंट्राओक्यूलर लेंस ने इस सर्जरी को सरल, तेज, और अधिक प्रभावी बना दिया है।
अब मोतियाबिन्द सर्जरी इतनी उन्नत हो चुकी है कि मरीज सर्जरी के कुछ घंटों के भीतर अस्पताल से छुट्टी लेकर अगले ही दिन से अपनी सामान्य दिनचर्या फिर से शुरू कर सकता है। तकनीकी प्रगति के चलते 2.8 से 2.2 (या उससे भी कम) मिमी के छोटे चीरे के माध्यम से बिना टांकों के लेंस प्रत्यारोपण संभव हो गया है। फेकोइमल्सिफिकेशन जैसी तकनीकों ने मोतियाबिंद सर्जरी को न केवल आसान बनाया है, बल्कि मरीजों के लिए रिकवरी को भी बेहद सहज कर दिया है। यह बदलाव नेत्र चिकित्सा विज्ञान में शोध और नवाचार का एक अभूतपूर्व परिणाम है, जिसने मरीजों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ-साथ उनके दृष्टि सुधार के सफर को बेहद सरल बना दिया है।
डॉ. सुरेश पाण्डेय, डॉ. विदुषी शर्मा
सुवि नेत्र चिकित्सालय, कोटा
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Cataract surgery is the most commonly performed surgical procedure in the world. Every year, approximately 3.5 crore patients worldwide and more than 84 lakh patients in India undergo cataract surgery and intraocular lens implantation. This procedure has restored vision and hope to millions of people, bringing light into lives that were once engulfed in darkness. As reported in Rajasthan Patrika today, advancements in micro-incision cataract surgery and premium foldable intraocular lenses have made this surgery simpler, faster, and more effective than ever before.
With these advancements, patients can now be discharged within a few hours of surgery and resume their normal activities the very next day. Innovations such as phacoemulsification and small-incision techniques, requiring incisions as small as 2.2 to 2.8 mm, have eliminated the need for stitches and ensured a remarkably smooth recovery process. These developments are a testament to the relentless efforts in ophthalmic research and innovation, revolutionizing cataract surgery and transforming millions of lives by restoring vision with unprecedented ease and efficiency.
Dr. Suresh K. Pandey
Dr. Vidushi Sharma
SuVi Eye Hospital, Kota
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