Saturday, January 4, 2025
World Braille Day (January 4, 2025) - Dr. Suresh K. Pandey
साहस, बलिदान और धर्म की प्रेरणा – गुरुगोविंद सिंह जी की जयंती की हार्दिक शुभकामनायें.
दिनाँक 5/6 जनवरी को हम सिखों के दसवें गुरु, महान योद्धा और अद्वितीय नेता, गुरुगोविंद सिंह जी की जयंती पर उनके साहस, बलिदान और सत्य के प्रति उनकी अविचल निष्ठा को नमन करते हैं। पटना साहिब में जन्मे गुरुगोविंद सिंह जी ने न केवल खालसा पंथ की स्थापना की, बल्कि अपने पूरे जीवन को अन्याय के खिलाफ संघर्ष और मानवता के उत्थान के लिए समर्पित किया। उनकी कहानी साहस, सत्य और समर्पण का प्रतीक है।
गुरुगोविंद सिंह जी का जीवन हमें दिखाता है कि धर्म और सत्य की रक्षा के लिए किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटना चाहिए। उनकी प्रेरणा से हम सीखते हैं कि सत्य का मार्ग कठिन हो सकता है, लेकिन यह हमें हमेशा ऊंचाइयों तक ले जाता है। उनके चार पुत्रों के बलिदान ने धर्म और मानवता के प्रति उनके अटूट समर्पण को और भी अद्वितीय बना दिया। चाहे वह छोटे साहिबजादों का जीवित दीवार में चुनवाया जाना हो या बड़े साहिबजादों का युद्ध में वीरगति प्राप्त करना, हर पल उनकी महानता का परिचायक है।
गुरुगोविंद सिंह जी का जीवन हमें यह संदेश देता है कि सच्चाई और न्याय के लिए खड़ा होना ही सच्चा धर्म है। उनके आदर्श हमें प्रेरित करते हैं कि हम कठिनाइयों का डटकर सामना करें, अपनी आत्मा को साहस और सत्य से भरें, और दूसरों के कल्याण के लिए अपने जीवन को समर्पित करें।
आज, गुरुगोविंद सिंह जी की जयंती पर, आइए हम यह प्रण लें कि हम उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलेंगे। यह दिन हमें सिखाता है कि समाज की बेहतरी और धर्म की रक्षा के लिए हमें साहस और बलिदान का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। गुरुगोविंद सिंह जी की प्रेरणा हमारे जीवन को बेहतर बनाने और दूसरों की सेवा करने की दिशा में हमें प्रेरित करती रहेगी।
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A Tribute to Courage and Sacrifice – Guru Gobind Singh Ji
On this auspicious day of January 5/6, we honor the birth anniversary of Guru Gobind Singh Ji, the tenth Sikh Guru, a visionary leader, and an epitome of courage and sacrifice. Born in Patna Sahib in 1666, Guru Gobind Singh Ji devoted his entire life to standing against injustice, upholding righteousness, and uplifting humanity. His legacy is a testament to the power of truth, bravery, and selfless dedication.
Guru Gobind Singh Ji’s life serves as an enduring reminder of the strength required to protect righteousness and fight for justice. From establishing the Khalsa Panth in 1699 to the supreme sacrifices of his four sons, his journey is an inspiration for all. The martyrdom of his sons, from the younger Sahibzadas being bricked alive to the elder Sahibzadas attaining martyrdom in the Battle of Chamkaur, exemplifies unparalleled courage and devotion to their cause.
His teachings remind us that the path of truth and justice may be challenging, but it is the only path to true greatness. His unwavering dedication to humanity and righteousness inspires us to stand firm against adversity, remain fearless in the face of challenges, and commit ourselves to the welfare of others.
On this day, let us pledge to walk the path shown by Guru Gobind Singh Ji. His life teaches us that with courage, truth, and sacrifice, we can overcome any obstacle and work towards creating a better society. May his teachings continue to inspire us to strive for justice and righteousness.
Dr. Suresh K. Pandey
Dr. Vidushi Sharma
SuVi Eye Hospital Kota
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